गरीबी हमारे लिए अभिशाप बन गई है। हमारे पास पैसा नहीं है यह हमारा कुसूर है लेकिन हम करें भी तो क्या। हम नहीं चाहते कि आगे चलकर हमारे बच्चे भी हमारी तरह मोहताजी का जीवन जीएं। उन्हें अच्छे से अच्छा पढ़ाना चाहती हूं, कुछ बनाने का सपना पाले हूं पर प्राइवेट स्कूल दाखिला लेने को तैयार नहीं हैं। आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत अपने बच्चे का एडमिशन कराने पहुंची एक मां का यह दर्द सुनकर हर किसी का कलेजा कांप उठेगा पर स्कूल प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ा। डीएम से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक के चक्कर काटे पर कुछ न हुआ। मंगलवार को बेबस बबिता साहू स्कूल गेट पर काफी देर तक रोती रही पर स्टाफ पसीजा नहीं। आंसुओं के बीच आखिरकार उसे लौटना पड़ा।बबिता ने बताया कि जुड़वा बच्चों रिदम और अमाया को एनएलके पब्लिक लिटिल स्टेप जवाहर नगर में सीट आवंटित की गई थी। रिदम की पंजीकरण संख्या 150894 और अमाया की 150893 है। स्कूल दोनों के प्रवेश के लिए पहले तो आज-कल करते बुलाता रहा लेकिन बाद में एडमिशन से इनकार कर दिया। उन्होंने पांच जुलाई का पत्र दिखाते हुए बताया कि इस संबंध में डीएम से शिकायत की थी। इसके बाद कई बार स्कूल गए लेकिन इनकार किया जाता रहा। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेम नगर में कंप्लेन की। कार्यालय से कई बार स्कूल फोन किए गए लेकिन एक नहीं सुनी। अप्रैल से अब तक इसी तरह इधर-उधर भटकाया जा रहा है।स्कूल ने कराई घर, कारोबार की जांचबबिता के मुताबिक पति सिलाई का काम करते हैं। स्कूल वालों ने पहले हमारे अशोक नगर स्थित घर की जांच कराई। फिर पति जहां नौकरी करते हैं वहां जाकर जांच की। इसके बाद भी प्रवेश नहीं लिया गया।बीईओ की भी स्कूल ने नहीं सुनीबबीता मंगलवार को पहले स्कूल गई और फिर बीईओ कार्यालय प्रेम नगर आई। यहां बीईओ दीपक कुमार ने स्कूल फोन किया। प्रवेश लेने को कहा। फिर एक आदेश की प्रति लेकर उनसे स्कूल जाने को कहा। बबीता स्कूल पहुंची लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। वह काफी देर तक वहां खड़ी रोती रहीं लेकिन स्टाफ पसीजा नहीं। आखिर में वह घर लौट आईं।कठोर कार्रवाई के लिए सूचित करेंगेबीईओ दीपक अवस्थी ने स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य को भेजे पत्र में प्रवेश लेकर दो दिनों के अंदर जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। ऐसा न करने पर कठोर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को सूचित करने की चेतावनी दी गई है।डीएम, विशाख जी ने इस बारे में बताया कि आरटीई के तहत प्रवेश न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्ती की जाएगी। बबिता के प्रकरण की जांच कराएंगे। प्रवेश सुनिश्चित कराया जाएगा। सत्यापन के बाद स्कूलों को मिलेगी आरटीई की फीसप्रदेश में आरटीई के अनुपालन में अनियमितताओं को लेकर समाजसेवी संदीप पांडेय और मीनू सूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ में स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद से मुलाकात की। उन्हें बताया कि स्कूलों की फीस व अभिभावकों की धनराशि के 350 करोड़ मिल गए हैं। सत्यापन के बाद इनका वितरण कर दिया जाएगा। जो स्कूल आरटीई में प्रवेश नहीं ले रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी है। केवल मान्यता प्रत्याहरण ही अकेला विकल्प नहीं है।