यूपी सरकार शहरों को सुव्यवस्थित बसाने और लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए विकास प्राधिकरणों का दायरा बढ़ाने जा रही है। पहले चरण में लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, मेरठ व अलीगढ़ जैसे शहरों की सीमा बढ़ाई जाएगी। दूसरे चरण में धार्मिक व पर्यटन वाले शहरों का दायरा बढ़ाया जाएगा।विकास प्राधिकरण अधिनियम में दी गई व्यवस्था के मुताबिक निकाय से विकास प्राधिकरण की सीमा आठ किलोमीटर अधिक हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नौ नगर निगमों के साथ ही 112 निकायों की सीमा का विस्तार किया जा चुका है। इसलिए प्रदेश के कई क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण की सीमा से निकाय सीमा अधिक हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए विकास प्राधिकरणों की सीमा नए सिरे से तय करने की जरूरत है। उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। विकास प्राधिकरणों से इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव मांगा जाएगा। उन्हें इसके लिए अपने यहां बोर्ड से इसे पास करते हुए शासन को भेजना होगा। इसमें बताना होगा कि सीमा बढ़ाने पर कौन-कौन से गांव दायरे में आएंगे।अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने इस संबंध में आवास विभाग को विस्तृत दिशा-निर्देश भेजा है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जरूरी प्रयास किए जाएं। शहरीकरण को बढ़ावा दिया जाए। निवेश, रोजगार और नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। विकास की परियोजनाओं को निर्धारण करते हुए आगामी 50 सालों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास का पूरा खाका तैयार किया जाए।क्या होगा फायदाविकास प्राधिकरणों की सीमा नए सिरे से तय होने से अवैध कालोनियों पर रोक लगेगीअवैध कालोनियों को वैध कराने का रास्ता खुलेगा और लोगों को राहत मिलेगीशहरों में लोगों को जरूरत के आधार पर मकान व जमीनें मिलने का रास्ता साफ होगाशहरों के सुनियोजित विकास का रास्ता साफ होगा और अवैध निर्माण पर भी रोक लगेगीखेती की जमीन पर आंधाधुंध होने वाली अवैध प्लाटिंग करने की प्रक्रिया पर भी रोक लगेगीगांवों में सोसायटियों में जमीन लेकर मकान बनाने वालों के आसपास सुविधाएं भी विकासित होंगी