अक्टूबर माह की इस बेमौसम बारिश से खेती किसानी को नुकसान होने की संभावना ज्यादा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुमान को देखा जाए तो लगभग 13 से 15 अक्टूबर तक मौसम खराब रहेगा। अभी धान की कटाई शुरू ही हुई थी कि मौसम खराब हो गया। इससे पकी हुई फसल को काफी क्षति हो रही है। हालांकि कुछ किसान मशीन से फसल की कटाई करा रहे हैं उन्हें थोड़ा राहत मिल सकती है लेकिन फसल में उच्च नमी के कारण उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश खत्म होने पे धान की लगभग पक चुकी फसल में कीट व्याधियाँ जैसे गंधी व कंडुवा रोग आ सकता है। ऐसी स्थिति में किसान भाई कार्बेंडाजिम एवं प्रॉपिकॉनाजोल दोनों 400 ग्राम 200 लीटर पानी यानि 2 ग्राम/ली की दर से छिड़काव करें। फसल से जलनिकासी की उचित व्यवस्था रखनी होगी। महोली, लहरपुर जैसे प्रखंड में जहां किसान सब्जियों की अगेती नर्सरी डालते है उन्हें जलभराव का सामना कर पड़ सकता है, ऐसी स्थिति में नर्सरी सड़/ गल सकती है, इन नर्सरी के खेतो से जलनिकासी करके ही कुछ राहत मिल सकती है जो किसान नर्सरी की तैयारी कर रहे हों उन्हें सलाह है कि कृपया लो टनल पाली हाउस/ नेट के साथ ऊंचे स्थान अथवा बेड पे डालें। तेज हवाओं की स्थिति न होने पर गन्ना की फसल व बागवानों को कुछ विशेष नुकसान संभावित नही है।कुछ किसान भाई जो बटन मशरुम उत्पादन हेतु सितम्बर माह में कम्पोस्ट तैयार किये हैं उन्हें सलाह है कि तैयार हुई कम्पोस्ट को पॉलीथीन या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पे रख लें अन्यथा अधिक भीगने पे कम्पोस्ट की गुणवत्ता में कमी आयेगी।मूंगफली की फसल में जलभराव से उत्पादन में कमी आयेगी ऐसी स्थित में जलनिकासी की उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी।मधुमक्खी पालक लगातार बारिश की स्थिति में बॉक्सों को ऊँचे स्थान पर रखें ताकि बॉक्स के अंदर पानी न जा सके।अगेती आलू व सरसो बोन वाले किसानो के लिए उचित होगा कि मौसम सही होने तक थोड़ा इंतजार करें।